नई दिल्ली । पहले यस बैंक प्रकरण और उसके बाद कोरोना महामारी के चलते धड़ाम हो चुके भारतीय शेयर बाजारों में अब थोड़ा सुधार देखा जा रहा है । कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर की जंग तेज हो गई है , वहीं भारत समेत कई देशों ने आर्थिक मंदी दूर करने के लिए तमाम राहत दे रहे हैं । ऐसी स्थिति में अब भारतीय शेयर बाजार भी सुधऱता नजर आ रहा है । अंतरराष्ट्रीय बाजारों में होते सुधार का असर अब भारत पर भी देखा जा रहै है। यही वजह है कि लॉकडाउन के दूसरे दिन यानी गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई । सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स ने 1100 अंकों की बढ़त दर्ज हुई है , जबकि निफ्टी में 300 प्वाइंट की बढ़त दर्ज हुई है । इस दौरान सेंसेक्स 29,700 तो वहीं निफ्टी 8647 अंक पर पहुंच गई है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में अरबों रुपये के नुकसान के बाद गुरुवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला है । शेयर बाजार के जानकार और जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में ब्रांच मैनेजर सुनील गौड़ ने बताया कि गुरुवार को बाजार की शुरुआत के साथ ही ऑटो और बैंकिंग सेक्टर में सुधार हुआ है । बीएसई इंडेक्स में सबसे अधिक तेजी इंडसइंड बैंक, एक्सिस, इन्फोसिस और एचडीएफसी में रही जबकि मारुति, ओएनजीसी और एनटीपीसी के शेयर सबसे बड़े लूजर्स साबित हुए ।
उन्होंने बताया कि बुधवार को सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार तेजी देखी गई थी । कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,861.75 अंक यानी 6.98 प्रतिशत मजबूत होकर 28,535.78 अंक पर बंद हुआ । इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 516.80 अंक यानी 6.62 प्रतिशत मजबूत होकर 8,317.85 अंक पर रहा । बीते 10 साल में किसी एक कारोबारी दिन की ये सबसे बड़ी तेजी है।
वहीं मंगलवार की बात करें तो बाजार में थोड़ी रौनक थी । सेंसेक्स 692.79 अंक यानी 2.67 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,674.03 अंक पर बंद हुआ था । इसी तरह, निफ्टी 190.80 अंक यानी 2.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 7,801.05 अंक पर बंद हुआ । इस तरह सिर्फ दो कारोबारी दिन में सेंसेक्स में 2500 अंक से अधिक की रिकवरी देखी गई है जबकि निफ्टी करीब 700 अंक मजबूत हुआ ।
उन्होंने बताया कि शेयर बाजार में पिछले दो दिनों से जारी तेजी से निवेशकों की संपत्ति 6,63,240.78 करोड़ रुपये बढ़ी । बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पिछले दो दिनों में 6,63,240.78 करोड़ रुपये बढ़कर 1,08,50,177.06 करोड़ रुपये पहुंच गया ।
उनका कहना है कि ऐसी संभावना हैं कि सरकार और सेबी लंबी अवधि के पूजींगत लाभ और शेयर बाय बैक पर स्थायी रूप से टैक्स हटाने पर विचार कर रही है । इससे शेयर बाजार के उन निवेशकों को लाभ होगा , जो लगातार बिकवाली से शेयर बाजार में भारी नुकसान उठा चुके हैं । इसी तरह LTCG पर कर हटाने से शेयर बाजार में और निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा ।